113 सूरए अल फलक़
सूरए अल
फलक़ मक्का या मदीना
में नाजि़ल हुई है और
इसकी पाँच आयतें
हैं
ख़ुदा के नाम से शुरू करता हूँ जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की हर चीज़ की बुराई से (1) जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ (2) और अँधेरी रात की बुराई से जब उसका अँधेरा छा जाए (3) और गन्डों पर फूँकने वालियों की बुराई से (4) (जब फूँके) और हसद करने वाले की बुराई से जब हसद करें (5)
(दुवा: ऐ हमारे प्यारे अल्लाह जिस दिन हमारे आमाल का हिसाब होने लगे मुझे मेरे माँ बाप और खानदान वालो को और सारे ईमानवालो को तू अपनी खास रेहेमत से बख्श दे। आमीन)
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