Sunday, June 14, 2020

सूरए अल अस्र 103



103 सूरए अल अस्र

सूरए अल अस्र मक्की है या मदनी है और इसमें तीन आयतें हैं

ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है

नमाज़े अस्र की क़सम (1) बेशक इन्सान घाटे में है (2) मगर जो लोग ईमान लाए, और अच्छे काम करते रहे और आपस में हक़ का हुक्म और सब्र की वसीयत करते रहे (3)

 

(दुवा: ऐ हमारे पालने वाले जिस दिन (आमाल का) हिसाब होने लगे मुझको और मेरे माँ बाप को और सारे ईमानदारों को तू बख्श दे आमीन)


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