Saturday, June 13, 2020

सूरए अल काफिरून 109



109 सूरए अल काफिरून

सूरए अल काफिरून मक्का या मदीना में नाजि़र हुआ और उसकी छः आयतें हैं

ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है

( रसूल) तुम कह दो कि काफिरों (1) तुम जिन चीज़ों को पूजते हो, मैं उनको नहीं पूजता (2) और जिस (ख़ुदा) की मैं इबादत करता हूँ उसकी तुम इबादत नहीं करते (3) और जिन्हें तुम पूजते हो मैं उनका पूजने वाला नहीं (4) और जिसकी मैं इबादत करता हूँ उसकी तुम इबादत करने वाले नहीं (5) तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन मेरे लिए मेरा दीन (6)

 

(दुवा: ऐ हमारे पालने वाले जिस दिन (आमाल का) हिसाब होने लगे मुझको और मेरे माँ बाप को और सारे ईमानदारों को तू बख्श दे आमीन)


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