Saturday, June 13, 2020

सूरए अल फलक़ 113

113 सूरए अल फलक़

सूरए अल फलक़ मक्का या मदीना में नाजि़ल हुआ और इसकी पाँच आयतें हैं

ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है

( रसूल) तुम कह दो कि मैं सुबह के मालिक की हर चीज़ की बुराई से (1) जो उसने पैदा की पनाह माँगता हूँ (2) और अँधेरी रात की बुराई से जब उसका अँधेरा छा जाए (3) और गन्डों पर फूँकने वालियों की बुराई से (4) (जब फूँके) और हसद करने वाले की बुराई से जब हसद करें(5)

 

 

(दुवा: ऐ हमारे पालने वाले जिस दिन (आमाल का) हिसाब होने लगे मुझको और मेरे माँ बाप को और सारे ईमानदारों को तू बख्श दे आमीन)


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