Sunday, June 14, 2020

सूरए क़ुरइश 106




106 सूरए क़ुरइश

सूरए कुरइश मक्का या मदीना में नाजि़ल हुआ और इसकी चार आयतें हैं

ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
चूँकि क़ुरइश को जाड़े और गर्मी के सफ़र से मानूस कर दिया है (1) तो उनको मानूस कर देने की वजह से (2) इस घर (काबा) के मालिक की इबादत करनी चाहिए (3) जिसने उनको भूख में खाना दिया और उनको खौफ़ से अमन अता किया (4)

 

(दुवा: ऐ हमारे पालने वाले जिस दिन (आमाल का) हिसाब होने लगे मुझको और मेरे माँ बाप को और सारे ईमानदारों को तू बख्श दे आमीन)

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